कोरोना काल राजनीति की रफ्तार बड़ी ही तेज है…. जनता घर में कैद है… लेकिन सियासत की रणनीति अपने तय किए लॉकडाउन को तोड़ रफ्तार के साथ आगे बढ़ते जा रही है… यूपी से पलायन कर अलग-अलग राज्यों में गए दिहाड़ी मजदूरों के लिए… बेचैन गरीबों की तड़प… छटपटाहट… व्यग्रता की विकलता को योगी सरकार के सामने रख रही है… अपने ही अंदाज में अखिलेश से लेकर प्रियंका यूपी सरकार को बता रहे हैं… फैसला लेने और उन्हें प्रदेश में लाने के लिए आज मजूदरों की मजबूरी की त्रासदी को सुना रहे हैं… दोनों के स्वर में सरकार के लिए राजधर्म निभाने पर जोड़ है… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तल्ख होकर उन्ही मजदूरों की बात बता रहे हैं… कह रहे हैं….

अब उप्र के हर गाँव-कस्बे में ये प्रश्न उठ रहा है कि दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों को वापस लाने के मामले में भाजपा सरकार भेदभाव क्यों कर रही है. जनता के आक्रोश के डर से भाजपा के शर्मसार कार्यकर्ता मुँह छिपाये बैठे हैं. आज जनता समझ गयी है कि भाजपा गरीबों-कामगारों के साथ नहीं है.

अखिलेश अपने निशाने पर सरकार को ले रहे हैं… कह रहे हैं… कोटा में छात्रों के लिए अपने जो किया वैसा दूसरे राज्यों में रह रहे गरीबों को प्रदेश में लाने के बारे में सोचिए… क्या योगी सरकार इस दिशा कोई कदम उठाएगी ? ये अखिलेश का अपना अंदाज है… तो प्रियंका के स्वर में सरकार से अपील है…

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सरकार को बता रही है कोरोना काल में लॉकडाउन की हालत बिना रोजगार के ये मजदूर कैसे अपनी जिंदगी जी रहे हैं ? उन्हें प्रदेश लाने के लिए उनके दर्द के साथ योगी सरकार से बस यही अपील कर रही है…. आप सुनिए प्रियंका ने योगी सरकार से क्या अपील की


ऐसे में सवाल उठता है राजस्थान के कोटा से जिस तरीके सरकार ने 8 हजार छात्रों को वापस लाकर वाहवाही बंटोरी । क्या वैसा कुछ मजदूरों को लाने के लिए नहीं कर सकती । वो दूसरे राज्यों में रह रहे यूपी के मजदूरों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं कर सकती है… योगी सरकार को इसके लिए कुछ कदम तो उठाना ही चाहिए ।