दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाने वाला छठ त्योहार समस्त हिन्दुओं के लिए भी एक अहम पर्व है… यूपी, बिहार, पूर्वांचल समेत भारत के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाने वाला छठ त्योहार आज एक लोकपर्व से महापर्व बन गया है… छठ पर रखा जाने वाला व्रत भगवान सूर्य की अराधना, उपासना के लिए निष्ठा, शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है… भगवान सूर्य की दो दिन की उपासना कर लोग अपने संयम और भक्ति का प्रमाण दे भगवान से कल्याण की प्रार्थना करते हैं… छठ पूजा की रौनक इन दिनों बाजार में साफ देखी जा सकती है… डाला, सूप, नींबू, नारियल, गन्ना, केले की दुकानों से बाजार रंग-बिरंगा हो रहा है… लोग षष्ठी माता और सूर्य नारायण को प्रसन्न करने की तैयारी में जुटे हैं… ये त्‍योहार पूरे देश मे धूमधाम से मनाया जाता है… इसलिए जो लोग नौकरी या व्‍यवसाय के सिलसिले में घर से दूर रहते हैं, वो अब छठ पूजा में घर जा रहे हैं या जाने की तैयारी में हैं… छठ की तैयारियों में प्रशासन ने भी कोई कसर नहीं छोड़ रखी है… गाजियाबाद में हिंडन नदी के दोनों तरफ छठ घाट को साफ किया जा रहा है… पेड़ों की कटाई की जा रही है और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है छठ के लिए पूरे घाट के किनारे लाइटें लगाई गई हैं… पानी की व्यवस्था की गई है… छठ घाट की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं… इसके अलावा पुलिस round-the-clock ये निगरानी रखेगी… आज तैयारियों का जायजा लेने के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार सिंह ने जीडीए और नगर निगम के इंजीनियर के साथ छठ घाट का मुआयना किया और जरूरी दिशा निर्देश दिए

आइए आपको बताते हैं इस बार कब से शुरू है छठ पूजा और किस दिन क्‍या होगा… इसकी शुरुआत 31 अक्‍टूबर को नहाय खाय के साथ होगी… मान्यता है कि इस दिन व्रती स्नान आदि कर नए वस्त्र धारण करते हैं और शाकाहारी भोजन लेते हैं… इस व्रत में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है… व्रती के भोजन करने के बाद ही घर के बाकि सदस्य भोजन करते हैं… दूसरे दिन यानी खरना के दिन से महिलाएं और पुरुष छठ का उपवास शुरू करते हैं,.. इन्हें छठ व्रती कहते हैं… इस बार खरना एक नवंबर को है… इसी दिन शाम के समय प्रसाद बनाया जाता है… प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है… साथ ही फल, सब्जियों से पूजा की जाती है… इस दिन गुड़ की खीर भी बनाई जाती है… छठ के तीसरे दिन शाम यानी सांझ के अर्घ्‍य वाले दिन शाम के पूजन की तैयारियां की जाती है… इस बार शाम का अर्घ्‍य 2 नवंबर को दिया जाएगा… छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत करते हैं और शाम के पूजन की तैयारियां करते हैं… इस दिन नदी, तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है… फिर पूजा के बाद अगली सुबह सूर्योदय के वक्त सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत सम्पन्न होता है

छठ पर्व की महिमा बेहद अपार है… बिहार समेत देश के कई हिस्सों में गुरुवार से शुरु होने वाला ये पर्व बाजार की महंगाई से जरुर प्रभावित होगा लेकिन कम बिलकुल भी नहीं हो सकता… पूरे चकाचौंध और भक्तिभाव से की जाने वाली इस पूजा को न सिर्फ बिहार में बल्कि जहां-जहां भी बिहार के लोग जाते हैं वहां जरुर मनाते हैं… नदियों और नहरों के किनारे तो इस पर्व की अलग ही छटा देखने को मिलती है