दीवाली के मौके पर जमकर हुई आतिशबाजी ने गाजियाबाद शहर की आबोहवा खराब कर दी है… दम घोंटू धुंध ने प्रदूषण के स्तर को उस स्थिति पर पहुंचा दिया है, जो आम जनता के लिए खतरे की घंटी है… अगर समय रहते स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो वो दिन दूर नहीं जब जिले में जनता का गुजर बसर करना दूर की कौड़ी साबित होगा… दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए उधर हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने का सबसे ज्यादा असर गाजियाबाद में हुआ है… गाजियाबाद के चारों प्रदूषण माप केंद्रों पर वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में है… जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है… लगातार दूसरे दिन देश का सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद है… दूसरे और तीसरे स्थान पर ग्रेटर नोएडा और नोएडा हैं… एयर क्वालिटी इंडेक्स की मानें तो गाजियाबाद में बुधवार को AQI 500 के पार पंहुच गया जो कि खतरनाक स्थिति में है… वहीं, लगातार बढ़ता प्रदूषण आमजन के लिए खतरे की घंटी साबित हो रहा है… वहीं, दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग को लेकर आइएमए की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है… आइएमए ने कहा है कि प्रदूषण से केवल फेफड़े और दिल ही नहीं शरीर का प्रत्येक अंग प्रभावित होता है… जिसकी वजह से बाल, आंख, गला, लीवर, बोनमेरो, सिर दर्द, नर्वस सिस्टम और त्वचा भी बुरी तरह से प्रभावित होती है… इससे डायरिया भी हो सकता है… स्मॉग में मौजूद हानिकारक तत्व सांस के जरिए हमारे शरीर में जाते हैं और उसके बाद ये आंतों तक पहुंच जाते हैं… जहां से ये विषैले तत्व खून में शामिल होकर आपको बीमार नहीं बहुत बीमार बना सकते हैं
स्मॉग को कम करने के लिए किए जा रहे प्रशासनिक उपाय बौने साबित हो रहे हैं… कई फैक्टरियों पर रोक लगा दी गयी है… डस्ट वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है… लेकिन प्रदूषण को रोकने के लिए ये सारे इंतजाम केवल खानापूर्ति साबित हो रहे हैं… अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो जल्द ही जिला प्रशासन कोई बड़ा फैसला ले सकता है… जिसके तहत निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक और स्कूलों में छुट्टी भी की जा सकती है