•  राजनैतिक नैतिकता पर बोले गवर्नर 
  • गोवा के राज्यपाल सतपाल मलिक की चिंता 
  • अब के नेताओं में राजनैतिक नैतिकता की कमी 
  • विधायक बनते ही व्यक्ति का दिमाग पगला जाता है 
  • नैतिकता पर गांधी जी और भगवान बुद्ध के उदाहरण दिए

गोवा के राज्यपाल सतपाल मलिक ने राजनीतिक नैतिकता के गिरते स्तर पर चिंता जताई है .. राज्यपाल ने कहा कि आज के राजनीतिक परिवेश में नैतिकता की बड़ी कमी नजर आती है .. आज राजनैतिक पदों पर आसीन होना वैभव और शान समझा जाता है और एक बार सिर्फ विधायक बनने पर ही व्यक्ति एकदम पगला जाता है .. राज्यपाल सतपाल मलिक ने इसके लिए गांधी जी और गौतम बुद्ध के उदारहण भी दिये . .उंहे कहा कि राजनति में गांधी जी नैतिकता लेकर आए थे और जीवन में नैतिकता गौतम बुद्ध लेकर आए थे ..उंहोंने कहा कि मैं एक बात कहना चाहता हूं कि गांधी जी में अहम नहीं था वह सादगी पसंद व्यक्ति थे .. लेकिन आज की बात इसके एकदम उलट है आज अगर कोई व्यक्ति विधायक बन जाता है तो पागल हो जाता है इसलिए हमें गांधी जी से सीखने की जरूरत है..गांधी जी ने हमें जीवन में नैतिकता अपनाने का रास्ता दिकाय था जो कि एक बड़ी बात है .. राज्यपाल सतपाल मलिक ने महात्तमा गांधी की 150 जयंती पर गांदी कथा शीर्ष नामक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे जहां उंहोने य बाते कहीं .. सत्पाल मलिक ने कहा कि गांधी जी की राजनैतिक विरासत को संभालने वाले भी आज गांधी जी की खासियत भूल चुके हैं .. राज्यपाल ने यहां राम मनोहर लोहिया का भी जिक्र किया उंहोंन कहा कि हम गांधी जी को राम मनोहर लोहिया के विजन से जानते हैं ..राम मनोह लोहिया का मानना था कि गांधी जी की हत्या गोडसे ने भले ही की हो लेकिन गांध जी क राजनैतिक विरासत संभलाने वाले लोगों ने गांधी जी की आत्मा को भी मार डाला . .वो गांधी जी के गुणों को भूल गए और उंह सिर्फ एक चरखे की प्रतिमा तक समेट दाय .. राज्यपाल मलिक का य कटाक्ष आज के राजनैतिक परिदृश्य पर है .. आज हम भी देखत हैं कि एक विदायक की कुर्सी पाने के लिए कौन कौन से हथकंडे नहीं अपनाए जाते ..  पैसा पानी की तरह बहाया जाता है और कानून को ताक पर रख दिया जाता है और फिर जब कोई  व्यक्ति अगर सिर्फ विधायक भी बन जाता है तो उसका दिमाग खराब हो जाता है और वो अपने आपको जनत और कानून से भी ऊपर समजन लगता है .. राज्यपाल के इस कथन को अगर आज क माहौल में जांचा परखा जाए तो ये एकदम सही है .. आज रानीतिक पद हासिल हो जाने के बाद नेताओं मे अहम आ जाता है वो कुछ भी बोल देते है .. किसी को कुछ भी कह देते हैं .. और फिर दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए हिंसा तक पर उतारू हो जाते हैं .. ऐसे में गोवा के राज्यपाल का ये कहान कि अब राजनैतिक नैतिकता खत्म हो रही है अपने आप में कड़वा सत्य ह . ये एक सकारात्मक तंज है जिसके मायने समझने की जरूरत है ..