जयंत के अलग होते ही सपा ने किया जंग का एलान… RLD के गढ़ से अखिलेश ने इस नेता को थमाया कमान
जयंत के काट को तौर पर सपा ने तैयार किया पश्चिमी यूपी में अपना नया चेहरा…. RLD की ओर से दोस्ती तोड़ने के बाद अखिलेश ने इस सीट से तय किया प्रत्याशी
पश्चिमी यूपी में आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने बीजेपी से दोस्ती तो कर ली… एक तरह से अखिलेश को झटका देने का प्रयास तो किया… बावजूद इसके सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी हार अभी नहीं मानी है… हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मालूम है… आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के साथ छोड़ने का सपा को नुकसान हो सकता है… लेकिन नुकसान होने से पहले पश्चिमी यूपी से सीटों को जीतने की जंग का ऐलान अखिलेश ने कर दिया… RLD के गढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ऐसे नेता को सपा की ओर से चेहरा बनाया… एक ऐसे नेता को कमान सौंपी… जिसके लिए अखिलेश ने पहले भी कोई कम्प्रोमाइज नहीं किया… जयंत की पहली भी चाहत थी… कि उन्हें अखिलेश की ओर से इग्नोर किया जाए… साइडलाइन करके उनकी जगह किसी और को तवज्जों दिया जाए…. लेकिन इस अखिलेश भी अपनी बात पर अड़े रहे हैं… उस नेता का साथ देते रहे… अपनी राजनीति के लिए उन्हें उपयोगी माना… अब उसी नेता को अखिलेश ने पश्चिमी यूपी में जयंत के विकल्प के तौर उस सीट से उम्मीदवार बनाया है… एक तरह से पश्चिमी यूपी में सपा की ओर से जाट समाज के नेता के तौर पर स्थापित करने का प्रयास किया.. कहा जा रहा है… समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी यूपी की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर लिए हैं. आरएलडी के अलग होने के बाद पार्टी अपनी आगे की रणनीति को दुरुस्त करने में लगी हुई है… हालांकि अभी कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है…. दोनों ही पार्टियों में मंथन चल रहा है लेकिन इसके बाद भी अखिलेश यादव अपने प्रत्याशियों का एलान जल्द कर सकते हैं….
कहा जा रहा है… आरएलडी के अलग होने के बाद सपा ने अपनी रणनीति को पश्चिमी यूपी में धार देना शुरू कर दिया है…सपा प्रमुख ने मुजफ्फनगर सीट के लिए अब सपा से हरेंद्र मलिक उम्मीदवार बनाया है…. हालांकि अभी तक इसका औपचारिक एलान नहीं हुआ है…. लेकिन जल्द ही कुछ सीटों पर पार्टी फिर से उम्मीदवारों का एलान कर सकती है…. संभावना जताई जा रही है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद गठबंधन पर तस्वीर साफ होने के बाद ही इन उम्मीदवारों का एलान होगा…. लोकसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी द्वारा बैठकों का दौर जारी है… पश्चिम उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद पार्टी मुजफ्फरनगर सीट से हरेंद्र मलिक को लोकसभा प्रत्याशी बनाने जा रही है… हरेंद्र मलिक के प्रत्याशी बनने का आधिकारिक ऐलान होना बाकी है…लेकिन अखिलेश यादव के साथ बैठक कर बाहर निकले हरेंद्र मलिक ने कहा…
सपा पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने चुनाव लड़ने के लिए मेरा नाम सुझाया है… अभी अधिकारिक ऐलान होना बाकी है, लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि चुनाव की तैयारी करें
हरेंद्र मलिक यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा
राष्ट्रीय लोक दल के साथ नहीं रहने से नुकसान हुआ है, लेकिन अभी चुनाव में वक्त है…. हम इस दौरान नाराज लोगों के पास जाएंगे उनसे बात करेंगे, साथ देने की बात कहेंगे
आपको बता दें कि सपा और रालोद के गठबंधन में सबसे बड़ा विवाद मुजफ्फरनगर सीट को लेकर हुआ था… ये सीट रालोद को मिली, लेकिन अखिलेश यादव यहां से हरेंद्र मलिक को चुनाव लड़ाना चाहते हैं… रालोद ने इस पर नाराजगी जताई थी… आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने बीते महीने 16 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी थी…. सपा की सोशल मीडिया में जारी सूची के अनुसार संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, धौरहरा से आनंद भदौरिया, उन्नाव से अनु टंडन, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य को उम्मीदवार बनाया गया था… इसके अलावा अकबरपुर से राजाराम पाल, बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, अम्बेडकर नगर से लालजी वर्मा, बस्ती से रामप्रसाद चौधरी, गोरखपुर से काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया गया था….