मोदी-शाह का संदेश…नड्डा ने भूपेंद्र चौधरी को दिया आदेश… बीजेपी के दो नेता काम पर लग गए
ओम प्रकाश राजभर को NDA में लाने के लिए बीजेपी लगा रही पूरी ताकत… ‘ओम’ में बीजेपी को दिखी शक्ति
ओपी राजभर मुस्कुरा रहे हैं… अब तो अपनी सियासत के अच्छे दिन आने वाले हैं !
अब ओमप्रकाश बीजेपी आलाकमान ने ओम प्रकाश राजभर को साथ लाने की जिम्मेदारी अपने धुंरंधरों को दे दी है… मोदी-शाह-नड्डा किसी भी कीमत पर चाहते हैं… ओम प्रकाश राजभर 2024 की लड़ाई में बीजेपी के साथ आए… उसके विरोधियों से मुकाबला करे… अब ऐसे में सवाल है… कि ऐसा क्या हुआ है… जो अचनाक से ओमप्रकाश राजभर और उनकी पार्टी सुभासपा बीजेपी के लिए बेहद ही खास हो गए… जबकि बीजेपी के ही अनिल राजभर समेत राजभर समुदाय से आने वाले नेता पानी पी पीकर कोस रहे हैं…ओमप्रकाश राजभर की कमियों को गिना रहे हैं… बावजूद इसके मोदी-शाह-नड्डा की नजरों में ओपी राजभर की सियासत ने मजबूत पैठ बना ली है…
दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव में मिशन 80 का लक्ष्य हासिल करने को लेकर बीजेपी तमाम तरीके के समीकरण बैठाने के लिए अलग अलग स्तर से सर्वे करा रही है…. सूत्रों की माने तो बीजेपी के ऐसे ही एक इंटरनल सर्वे में सामने आया है कि अगर वो ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन करती है… तो बीजेपी यूपी में जितनी सीट जीतना चाहती है…. उतने करीब पहुंच सकती है… ओपी राजभर के बीजेपी के साथ आने से सपा बसपा और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है…. माना जा रहा है… बीजेपी से अगर सुभासपा गठबंधन करती है… तो बीजेपी को पूर्वांचल में करीब 6 सीटों पर फायदा होगा… सूत्रों की माने तो इस सर्वे के बाद बीजेपी ने सुभासपा से गठबंधन करने का मन बना लिया है और इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है…
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने गठबंधन के मौजूदा साथी निषाद पार्टी और अपना दल एस से गठबंधन बरकरार रखने के साथ नए साथी की तलाश शुरू की है…सियासी गलियारे में चर्चा है… बीजेपी ने सुभासपा के साथ ही आरएलडी को लेकर भी सर्वे कराया… लेकिन इसमें सामने आया कि बीजेपी को आरएलडी से ज्यादा फायदा सुभासपा के साथ गठबंधन करके होगा… आरएलडी का पश्चिमी यूपी के बिजनौर, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, संभल, बागपत, आगरा, मथुरा, शामली, अमरोहा, मुरादाबाद और हाथरस जिलों में प्रभाव है. इनमें से आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत की सीट बीजेपी ने जीती थी….
इसके अलावा अगर 2019 में सपा और बसपा का गठबंधन नहीं होता तो रामपुर, अमरोहा, संभल, नगीना, सहारनपुर और बिजनौर की सीट भी बीजेपी जीत सकती थी…फिलहाल 2024 को लेकर सपा और बसपा के बीच कोई गठबंधन होता नजर नहीं आ रहा… वैसे भी पश्चिमी यूपी में जाट वोट को साधने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में संजीव बालियान और प्रदेश मंत्रिमंडल में लक्ष्मी नारायण चौधरी और राज्य मंत्री केपी मलिक जैसे चेहरे हैं… 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि अधिकतर सीटों पर जाट समाज बीजेपी के साथ रहा.