मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस ने आंगनबाड़ियों ने बच्चों गर्भवती महिलाओं को भोजन में पौष्टिक तत्व शामिल करने की गरज से उंहे अंडा दिए जाने की योजना बनाई है जिसका भाजपा ने विरोध करना शुरू कर दिया ह .. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसे धार्मिक मान्यताओं के साथ खिलवाड़ वाला कदम बताया है और कहा है कि भाजपा इसका विरोध करेगी .. वहीं भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने कमननाथ सरकार को ही कुपोषित कह दिया .. कमलनाथ सरकरा के आंगनबाड़ियो के मील में अंडे शामिल किए जाने पर कैलाश विजय वर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का आंगनबाड़ियों में अंडे के फैसले का हम विरोध करते हैं .. मुझे लगता है कि आंगनबाड़ी में अडा बंटवाकर लोगों की धार्मिक मान्यताओं से खिलवाड़ हो रहा है .. ऐसे में किसी को भी धार्मिक मान्यताओं से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं चाहे वह सरकार ही क्यं न हो .. भाजपा के ये विरोध एमपी की कमलनाथ सरकार क उस फैसला हो रहा है जिसमें सरकार ने फैसला लिया था कि गर्भवीत महिलाओं और बच्चों को आंगनबाड़ियों मे अंडे वितरित किए जाएंगे .. सरकार ने पोषक तत्वो में अंडे को भी शामिल किया है .. कुपोषम को दूर करने के लिए ये फैसला लिया गया है ..सरकार की मंत्री ने कहा कि समेकित बाल विकास सेवाएं के तहत 89 आदिवासी इलाकों से इसकी शुरूआत की जाएगी .

कमलनाथ सरकार ने ये फैसला उस वक्त लिया था जब अधिकारियों ने उंहे एक प्रेजेंटेशन के जरिए बताया ता कि अंडे परोसने से कुपोशण कैसे कम किया जा सकता है ..कैलाश विजवर्गीय ने अंडे परोसे जाने का विरोध किया लेकिन बीजेपी के ही नेता गोपाल भार्गव ने तो कमलनाथ सरकार को ही कुपोषित कह दिया उंहोने कहा कि कुपोषित सरकार से इससे ज्यादा क्या उम्मीद की जा सकती है ,, वो बच्चों क अंडा खिलाए, जो नहीं खाते उंहे जबरन खिलाएं..अगर अंडे से कुपोषण दूर नहीं होगा तो मुर्गे खिलाएगी बकरे खिलाएगी और जो कुछ बनेगा वो खिलाएगी.. आदमी तो वैसे ही मार जा रहे हैं भारत के जो संस्कार हैं हमारी जो सनातन संस्कृति है उसममं मांसाहार निषेध हैं हम जबरन किसी कको नहीं खिला सकते और यदि बचपन से ही हम ये सिखाएंगे तो ये बडे होगर वो गोश तो खाएंगे ही कहीं नरभक्षी न हो जाए .. तो कमलनाथ सरकरा के आंगनबाड़ियों में अंडे परोसे जाने के लेकर भाजपा कड़े विरोध पर उतर आई है . .ऐसे में ये योजना लागू होगी या नहीं इस पर संशय हैं क्योंकि इसका विरोध अभी आगे और भी बढ़ सकता है

इस प्रजेंटेशन में विशेष तोर पर आदिवासी क्षेत्रों पर टारगेट किया गया था .. राईट टू फूड कैंपेनेर सचिन जैन ने पिछले महीने सीएम को पत्र लिखकर इसकी मांग की थी .. सरकार के इस फैसले का भाजपा महासचिव कैलाशविजय वर्गीय ने इसका विरोध किया लेकिन पता ये भी चला है कि प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह खुद शुद्र शाकाहारी हैं वो भी इस फैसले के खिलाफ हैं .. इस योजना क आर्थिक पहलू भी है मध्य प्रदेश में करीब एक लाख से ज्यदा आंगनबाड़ी केंद्र हैं कि इस योजना से सरकरा पर 80 से 90 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा .. लेकिन योजना आने से पहले ही भाजपा ने इसका विरोध भी शूर कर दिया है