उत्तर प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर सस्पेंस खत्म हो गया है. बीजेपी आला कमान ने योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. कहा जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने एक जाट नेता को प्रदेश की कमान सौंपी है. भूपेंद्र चौधरी आरएसएस से भी जुड़े हुए हैं, साथ ही उन्हें संगठन में भी काम करने का अनुभव रहा है.
बता दें कि स्वतंत्र देव सिंह के मंत्री बनने और उनके इस्तीफे के बाद से ही यूपी प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था. इस बात के संकेत बुधवार शाम को ही मिल गए थे जब उन्हें अचानक दिल्ली तलब किया गया. दिल्ली में उनकी मुलाक़ात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही तमाम बड़े नेताओं से भी हुई. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी में एक पद एक व्यक्ति का सिद्धांत है. पिछले दिनों स्वतंत्र देव सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
पश्चिम के सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश
भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम के सियासी समीकरणों को साधने के लिए उन्हें अध्यक्ष बनाया है. पश्चिमी यूपी में समाजवादी पार्टी के गठबंधन को कमजोर करने की भी यह रणनीति है. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कहा जा रहा था कि पश्चिम में जाट विरादरी बीजेपी से नाराज है, तब भूपेंद्र चौधरी ने ही अहम भूमिका निभाई थी और जब परिणाम आया तो पार्टी को कुछ खास नुकसान नहीं हुआ.
कौन हैं भूपेंद्र चौधरी?
भूपेंद्र चौधरी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले भूपेंद्र चौधरी बीजेपी के पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं. भूपेंद्र चौधरी ने विश्व हिंदू परिषद से अपनी राजनीति शुरू की थी. मुरादाबाद के रहने वाले भूपेंद्र चौधरी बीजेपी की जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे हैं. अमित शाह जब यूपी में प्रभारी बनकर आए इसके बाद भूपेंद्र चौधरी को अपने साथ तमाम चुनावी अभियानो में लगाया. वहीं महामंत्री संगठन सुनील बंसल के भी भूपेंद्र चौधरी काफी करीबी माने जाते हैं. पिछले दिनों पश्चिमी यूपी में जाट आंदोलन को खत्म करने के लिए भूपेंद्र चौधरी ने कमान संभाली थी. भूपेन्द्र चौधरी बीजेपी से एमएलसी और योगी सरकार में दूसरी बार पंचायती राज मंत्री हैं.