omprakash rajbhar


ओपी राजभर ने एक ऐसी चाल चली… जिसमें रिस्क तो जरूर था… लेकिन अब उसका असर दिखने लगा… लेकिन फैसला राजभर ने तो लिया
सियासी गलियारे में राजभर के अब तक तो बिगड़ी बिगड़ी सी बाते हो रही थी… अब अचानक अच्छी अच्छी बाते होने लगी… तो क्या कहेंगे
राजभर ने अपने पहले फैसले से बीजेपी को संकेत दे दिया… अगर अबकी बार हल्के में लिया तो अच्छा नहीं होगा..

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपनी राजनीति का जादू का इस्तेमाल इस अंदाज में किया है… पहले लखनऊ में सुर्खियां बंटोरी… फिर दिल्ली में चर्चा होने लगी … सब समझने का प्रयास कर रहे है… सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के मन में क्या चल रहा है… ओमप्रकाश राजभर ने इशारा कर दिया है… प्यार से संदेश दे दिया… शुरुआत कर दी… एक तरह से सीएम योगी समेत दिल्ली में बीजेपी आलाकमान को ये संदेश दिया है… अगर अब भी फैसला नहीं लिया… तो उन्होंने तो शुरुआत कर दी है…. हालांकि सियासी गलियारे में चर्चा है कि बीजेपी उन्हें अभी अपने से दूर जाने का रिस्क नहीं ले सकती है… इसलिए राजभर को अपने साथ टिका रखना चाहती है… अब जो खबर सामने आई है… राजभर अपने उस फैसले से पीछे कदम खीच सकते हैं… ऐसा इसलिए क्यों करेंगे… दरअसल जिस चाहत के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल हुए थे… उनकी वो ख्वाहिश पूरी हो सकती है… उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जल्द कैबिनेट विस्तार हो सकता है जिसमें सभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के एक बार फिर से मंत्री बनने की संभावना है…. सूत्रों के मुताबिक यूपी में कैबिनेट विस्तार नवरात्रि के पावन मौके पर किया जा सकता है…


कुछ दिनों पहले ही समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मंत्री बनाए जा सकते हैं… इसके साथ ही दारा सिंह चौहान को भी मंत्री मंडल में जगह मिलने की संभावना है… माना जा रहा है पिछली कैबिनेट में सीएम के करीबी रहे कई और चेहरों को शामिल किया जा सकता है… दरअसल बीते दिनों मऊ के घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव से ठीक पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर फिर से एनडीए में शामिल हो गए थे… एनडीए का दामन थामने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने घोसी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को जिताने की गारंटी ली थी क्योंकि उस इलाके में उनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है….इसके बाद उपचुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के नेता दारा सिंह चौहान साइकिल से उतरकर कमल की तरफ आ गए यानी की बीजेपी में शामिल हो गए… इसके बाद बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को मजबूत उम्मीदवार मानते हुए घोसी से चुनाव मैदान में उतार दिया. ..


इस सीट पर राजभर ने जमकर प्रचार किया और दावा करते रहे कि घोसी से बीजेपी उम्मीदावर दारा सिंह चौहान की जीत तय हैं… लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो उनके दावों की हवा निकल गई…उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह से दारा सिंह चौहान 42,759 वोटों के भारी अंतर से चुनाव हार गए थे… सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और ओबीसी नेता ओम प्रकाश राजभर घोसी सीट पर चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक थे… इस क्षेत्र में राजभर जाति के वोटरों की काफी संख्या है लेकिन फिर भी राजभर का कोई दाव वहां काम नहीं आया…. घोसी उपचुनाव के नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने ओम प्रकाश राजभर का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और उनसे पूछने लगे कि वो यूपी सरकार में अब मंत्री कब बन रहे हैं… उपचुनाव परिणाम के बाद जब राजभर से पूछा जाने लगा कि क्या अब वो मंत्री बन पाएंगे….इसके जवाब में राजभर ने कहा था, “क्यों नहीं? हम मंत्री बनेंगे.”

समाजवादी पार्टी पर हमलो बोलते हुए राजभर ने कहा था कि ये विपक्षी लोग हमारे ‘मालिक’ नहीं हैं. हम एनडीए में हैं और एनडीए के ‘मालिक’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा हैं…सुभासपा अध्यक्ष ने मंत्री बनाए जाने को लेकर सपा पर चुटकी लेते हुए कहा था कि विपक्षी दलों को धैर्य रखना चाहिए और कुछ दिनों तक इंतजार करना चाहिए… उन्हें अपने दिल का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि उन्हें जल्द ही दिल का दौरा पड़ सकता है….घोसी उपचुनाव मे हार का असर क्या गठबंधन पर पड़ेगा? इसके जवाब में राजभर ने कहा, हम एनडीए के साथ रहेंगे, हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है, उपचुनाव के लिए नहीं… उन्होंने कहा, जो लोग ये बयान दे रहे हैं एनडीए से सुभासपा को अलग किया जाएगा वो अज्ञानी हैं… 2024 के आम चुनाव परिणामों के बाद, वो जमीन पर औंधे मुंह गिर जाएंगे…. ऐसे तमाम बाते तमाम दावे राजभर किया करते हैं… लेकिन वक्त वक्त कुछ ऐसा करते हैं… जिसके मायने अलग अलग निकलते हैं… अब देखिए देवरिया घटना में राजभर ने भी अपनी राजनीति की एंट्री करवा दी…प्रेम यादव के परिवार से मुलाकत के बाद राजभर ने एक बीजेपी के आला नेताओं को सीधा संदेश दे दिया… ऐसा लगा कि कह रहे हो इधर उधर की बात मत लटकाईए वर्ना शुरुआत तो हमने कर दी है… ये बस शुरुआत है… आगे हमारी सियासत दौड़ेगी तो आपके लिए अच्छा नहीं होगा…