- आजम से कांग्रेस का उमड़ा प्यार
- अखिलेश को घेरे में लेने का कर रहे प्रयास
- अखिलेश ने आजम को अकेले छोड़ा: कांग्रेस
यूपी में 2022 होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति अपने ही रंग में रंगकर एक अलग ही छटा बिखरने में जुटी है । रणनीति हर दिन संवरकर विरोधियों को निशाने पर ले रही है । जिसे जनता किसी के लिए दुश्मन और किसी के लिए दोस्त समझती है वही ऐन मौके पर पाला बदलकर अपने निशाने पर दोस्त को ही ले लेता है । अब देखिए ना कांग्रेस को सपा से ज्यादा जेल में बंद रामपुर से सांसद आजम खान की चिंता है। उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की आजम के लिए कोशिशों में संदेह दिखती है ।
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने सपा पर हमला बोला है । शाहनवाज ने आरोप लगाया है कि आजम खान को अकेला छोड़कर अखिलेश यादव ने अपनी भावी राजनीति का संदेश दे दिया है । आजम खान के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए शाहनवाज ने सवाल उठाया है कि क्या सपा ने आजम खान की तीस साल की सेवा का यही सिला दिया है।
शाहनवाज ने इसे मुसलमानों के साथ धोखा करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सपा आजम के पीछे नहीं खड़ी हो सकती तो फिर वो उन मुसलमानों के पीछे क्या खड़ी होगी जिन पर अकसर फर्जी मुकदमें लाद दिये जाते हैं ।
हालांकि आजम खान के जेल जाने के बाद खुद अखिलेश यादव ने अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ सीतापुर जेल जाकर उनसे मुलाकात की थी। आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा के चुनाव के समय भी अखिलेश यादव रैली करने रामपुर पहुंचे थे। अखिलेश ने आजम खान के ऊपर दर्ज मुकदमों को कई बार फर्जी करार दिया है और इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।
आजम के लिए कांग्रेस का जरूरत से ज्यादा उमड़ा प्यार और अखिलेश को निशाने पर लेने की रणनीति की क्या वजह हो सकती है । कुछ बात तो होगी ही, कुछ सोच तो होगी ही। राजनीति यूं ही किसी को अपना नहीं मानती है । इंतजार कीजिए वक्त के साथ सच्चाई सामने होगी ।