कोरोना वायरस से जंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर की खूब चर्चा हो रही है । अब PMO खुद गोरखपुर प्रशासन की ओर से लॉकडाउन के दौरान एक मॉडल को देश भर लागू कराने के बारे में सोच रहा है । इसके लिए इसके लिए इस मॉडल का प्रजेंटेशन को मंगवाया गया है ।

गोरखपुर के इस मॉडल का नाम क्या है ?

गोरखपुर प्रशासन जिस अंदाज में लॉकडाउन को सफल बनाने में जुटा है । उसे सफल बनाने में होम डिलीवरी मॉडल अहम भूमिका निभा रहा है । खुद प्रधानमंत्री ऑफिस ने इस मॉडल के प्रेजेंटेशन को मंगवाया है । साथ ही गोरखपुर जिला प्रशासन से ये भी पूछा गया है कि इस मॉडल से कितनों को लाभ पहुंचा है । जल्द ही यह मॉडल देश भर में लागू किया जा सकता है।

क्या है होम डिलीवरी मॉडल ?

दरअसल, गोरखपुर में 27 मार्च को ही जिला प्रशासन ने सुबह के वक्त मिलने वाली 3 घंटे की छूट को खत्म कर दिया था । और लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी थी । प्रशासन लोगों के घरों तक जरूरत के सभी सामानों की होम डिलिवरी तभी से शुरू करवा दी ।

कैसे की गई तैयारी ?

इसके लिए सबसे पहले प्रशासन ने मोहल्ले की राशन और दूध के दुकानों को चिन्हित कर उनके फोन नम्बर जारी किए । जिससे लोग किराने और दूध को जरूरत के अनुसार उन नम्बरों पर फोन कर घर पर मंगा सकते हैं । सब्जी मंडी में आम लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी । सब्जी घर घर तक पहुंचाने के लिए 70 से अधिक गाड़ियां चलाईं । साथ ही ठेले वालों को मोहल्ले के हिसाब से पास जारी कर घर-घर तक सब्जी पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गयी । जिला प्रशासन सब्जियों के दामों पर काबू करने के लिए हर दिन उसकी रेट लिस्ट जारी करनी शुरू कर दी ।

PMO ने होम डिलीवरी मॉडल की तारीफ में क्या कहा ?

पीएमओ ने इस मॉडल की तारीफ में कहा कि पूरे देश में लागू होना चाहिए । इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से पूरे मॉडल का प्रेजेंटेशन मंगवाया है । गोरखपुर में होम डिलीवरी की जिम्मेदारी नोडल जॉइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल देख रहे हैं ।