lockdown-3 के आते ही जो वास्तविक कीमत है, उसे बढ़ाकर योगी सरकार ने यूपी में शराब की बिक्री को छूट दी । अब एक कदम आगे बढ़ते हुए पान मसाला बेचने की भी अनुमति दे दी । सरकार को मुनाफा का ध्यान है, इसलिए इस ओर कदम बढ़ाया गया । लेकिन योगी सरकार के इस फैसले से उनके अपने ही नाराज हो गए । अपने विवादित बयान के लिए मशहूर उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज इस कदर गुस्से की जद में आए । नाराजगी की सीमाओं की सीमाओं का सरेआम उल्लंघन कर सार्वजनिक मंच पर आ गए… सोशल मीडिया पर आकर सवाल उठाने लगे ।

उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने शराब बिक्री शुरू करने के फैसले पर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है । सांसद ने योगी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करने के लिए एक ट्वीट किया । उस ट्वीट में लिखा

लॉकडाउन जनता के जीवन रक्षा और बढ़िया स्वास्थ्य के लिए है, तो फिर शराब, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, पान पराग आदि नशीले पदार्थों की बिक्री पर छूट क्यों?

ये वाजिब सा सवाल है ? जवाब सरकार के पास है, शायद उन्होंने पहले ही दे दिया होगा या फिर ना भी दिया हो । लेकिन अपने ही सांसद के सवाल पशोपेश की स्थिति बनी ही होगी । साक्षी महाराज अक्सर विवादास्पद बयान देते रहते हैं, लेकिन जब विपक्षी दल सरकार को घेरने में लगा हो ऐसे में उनका अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करना चौंकाने वाला है ।

इससे पहले कानपुर के बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने भी यूपी में शराब की दुकानें खोले जाने का विरोध किया था उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी लिखा था इस पत्र में सांसद ने कहा है कि रेड जोन में शराब की बिक्री बंद की जाए ।

कानपुर से बीजेपी भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने सीएम योगी को लिखे अपने पत्र में शराब की बिक्री के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न होने का हवाला देते हुए दुकानें बंद करने का आग्रह किया था पत्र में लिखा है कि सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाकर 40 दिनों तक मेहनत की है ।

बहरहाल शराब की बिक्री के बाद अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग पान मसाल की बिक्री को भी इजाजत दी है । इस बाबत आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में जनस्वास्थ्य को देखते हुए पान मसाला के उत्‍पादन, वितरण और विक्रय पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाता है । हालांकि, प्रदेश में तंबाकू, निकोटिनयुक्त पान मसाला, गुटका का निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा ।

एफएसडीए के इस आदेश को आम बोलचाल की भाषा में समझें तो कह सकते हैं कि रजनीगंधा तो बिकेगा, लेकिन तुलसी नहीं बिकेगी । साथ ही अब पान की बिक्री भी शुरू हो सकेगी । सांसदों का सरकार के इस कदम पर अपना तर्क है लेकिन सरकार का भी तर्क है, तर्क यही है ऐसे कदम से अर्थव्यवस्था बहाल होगी । गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से महोबा के पान किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे । अब इस फैसले से पान किसानों को राहत मिलेगी ।