बड़े मियां’, ‘राधे’, मुर्गी, उल्लू और बिहारी… उमेश पाल मर्डर में अतीक गैंग का कोड नेम तो जानिए….
जिस माफिया को जनता अतीक अहमद के नाम से जानती है… गैंग में उसका नाम तो कुछ और ही निकला
यूपी पुलिस अतीक के खास को जिस नाम से ढूंढ रही है…. लेकिन उन 5 शुटरों का वो नाम तो है ही नहीं… सबके अपने अपने हैं नेम कोड
उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या के बाद प्रयागराज से लेकर उत्तर प्रदेश तक की राजनीति गरमा गई… 41 दिन के बाद भी कांड को अंजाम देने वाले 5 मुख्य शूटर पुलिस की पहुंच से दूर हैं… इस मर्डर केस के लिए अतीक अहमद गैंग की तरफ से बाकायदा पूरी प्लानिंग की गई थी… सभी अपराधियों ने अपना कोड नेम रखा था और आपसी बातचीत के लिए इसी का इस्तेमाल किया करते थे…माफिया अतीक के घर काम करने वाले राकेश की निशानदेही पर पुलिस ने हाल ही में जो आईफोन और रजिस्टर बरामद किया था, उससे पता चला है कि सभी शूटर्स ने बाकायदा कोड नेम तैयार किया था… आईफोन की आईडी को ही कोड बनाकर बात किया जाता था..
फोन पर भी अतीक को उसके नाम से बुलाने की बजाय ‘बड़े मियां’ और अशरफ को ‘छोटे मियां’ के नाम से बुलाया जाता
अतीक के बेटे असद का नाम ‘राधे’, गुड्डू मुस्लिम का नाम ‘मुर्गी’ रखा गया
दुकान से निकलकर गोली चलाने वाले गुलाम का नाम ‘उल्लू’, अरमान का नाम बिहारी रखा गया
बमबाज गुड्डू के घर में चिकन शॉप का कारोबार है, जिस वजह से उसे मुर्गी नाम दिया गया…। बिहार के सासाराम से ताल्लुक रखने वाले शूटर अरमान को बिहारी कहा जाता था। 25 हजार के इनामी असद कालिया को लंगड़ा नाम दिया गया था… प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ अन्य लोगों के कोड नेम भी सामने आए हैं… इसमें हलवाई, माया, तोता, पंडित, सैम, शेरू, रसिया, बल्ली, कछोली नाम भी दिया गया था… ये बात भी सामने आई है कि उमेश पाल कांड में शामिल शूटर्स को आईफोन और सिमकार्ड बांटा गया था… ऐसा इसलिए क्योंकि आईफोन पर बातचीत को सेफ माना जाता है…
प्रयागराज में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के करीब डेढ़ माह बाद भी सीसीटीवी फुटेज में दिखे 5 मेन शूटर्स अभी तक पुलिस व एसटीएफ की पकड़ से बाहर हैं… पिछली 24 फरवरी को दिन दहाड़े हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपरधियों को मिट्टी में मिलाने की घोषणा सदन में की थी… लेकिन यूपी पुलिस अबतक अतीक अहमदके 5 इनामिया शूटरों को पकड़ने में नाकामयाब रही है… ऐसे में यूपी पुलिस की साख दांव पर लग गई है…यूपी एसटीएफ बड़ी घटनाओं का खुलासा 24 घण्टे में कर देती है लेकिन वही पिछले 41 दिन से शूटर के पीछे-पीछे भाग रही है… आरोपियों और पुलिस के बीच चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है…