योगी सरकार ने कोविड-19 के अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में भर्ती मरीजों के मोबाइल ले जाने पर रोक लगाने के ऑर्डर को वापस ले लिया है । सरकार के इस फैसले से ये बिलकुल साफ है कि कोरोना से संक्रमित लोग अपने साथ मोबाइल फोन रख सकेंगे ।
आपको बता दें कि सरकार की ओर से एल-2 और एल-3 के कोविड-19 के अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में भर्ती मरीजों को मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगाई थी । जिसके बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई थी । इस मामले पर अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा था । अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा
अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है, तो आइसोलेशन वॉर्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए । यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है. वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसलिए यह पाबंदी है। ज़रूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं, बल्कि सैनेटाइज करने की है ।
दरअसल कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ जंग के लिए लागू लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए योगी सरकार ने एल-2 और एल-3 के कोविड-19 के अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में भर्ती मरीजों को मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी थी । साथ ही एक बात और है कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज कोविड अस्पतालों की हालत की फोटो और जानकारी अपने मोबाइल से भेज रहे थे । इसलिए मरीजों को मोबाइल ले जाने पर रोक लगाई गई थी । बहरहाल सरकार ने अब अपना ये फैसला वापस ले लिया है ।