
कानपुर में कल्याणपुर के डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट में पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर भागे डॉक्टर सुशील कुमार का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा। डॉक्टर के गंगा में छलांग लगाने की आशंका से पुलिस ने गंगा में भी सर्च ऑपरेशन चलवाया।
सर्विलांस व क्राइम ब्रांच समेत आधा दर्जन पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। डॉक्टर के मोबाइल नंबर की सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) से पता चला कि उसने जब शुक्रवार शाम को भाई को हत्या करने का मैसेज भेजा था, तब वह अटल घाट पर था।
करीब पौने दो घंटे बाद उसकी आखिरी लोकेशन सरसैया घाट पर मिली। यहां पर उसका मोबाइल बंद हो गया। डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 501 में रहने वाला डॉ. सुशील कुमार शुक्रवार को अपनी पत्नी चंद्रप्रभा, बेटे शिखर और बेटी खुशी की हत्या कर फरार हो गया था।
बताया जा रहा कि डॉक्टर लंबे समय से अवसाद में था। फ्लैट से बरामद डायरी में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से डिप्रेशन में होने की बात लिखी थी। पुलिस ने सुनील की तहरीर पर सुशील के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू की। हालांकि अभी तक उसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिली है।

सुशील के मोबाइल नंबर की सीडीआर से पता चला कि शुक्रवार शाम 5:32 बजे उसने सुनील को मैसेज भेजा था, तब उसकी लोकेशन अटल घाट पर थी। शाम 7:00 से 7:15 बजे सरसैया घाट पर लोकेशन थी। डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति के मुताबिक इसी दौरान उसका मोबाइल बंद हुआ। तब से कोई लोकेशन नहीं मिली।

इसलिए नदी में छलांग लगाने की आशंका
मोबाइल बंद होने के करीब दो घंटे पहले तक सुशील की लोकेशन गंगा किनारे मिली है। इसलिए पुलिस को आशंका है कि सुशील गंगा में कूद गया होगा। इसलिए शनिवार को पुलिस बल अटल और सरसैया घाट पहुंचा। गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया। आसपास मौजूद लोगों से पूछताछ भी की, मगर कुछ पता नहीं चला।

कई बार ऑन-ऑफ किया मोबाइल
घर से निकलने के बाद सुशील ने अपना मोबाइल कई बार ऑफ और ऑन किया। शायद वह असमंजस में था कि क्या करे। आखिरी बार साढ़े पांच बजे उसने भाई को मैसेज भेजा, इसके बाद तुरंत मोबाइल बंद कर लिया। सवा सात बजे जब बंद हुआ तब से अब तक मोबाइल ऑन नहीं हुआ।

एक साथ जलीं तीन अर्थियां, बिलख पड़े परिवार के लोग
पोस्टमार्टम के बाद तीनों शवों को जैसे ही बाहर लाया गया, चीखपुकार मच गई। बाहर जमा दोनों पक्षों के परिजनों की आंखें नम हो गईं। जैसे ही तीनों शवों से कफन हटाए गए, सभी के आंसू छलक पड़े। चंद्रप्रभा की मां बेटी के शव से लिपटकर बोलीं ‘इतनी हैवानियत से मेरी बेटी को मार डाला, जल्लाद को जरा भी तरस नहीं आया’। इसके बाद शवों को भैरव घाट ले जाया गया। शवों को मुखाग्नि डॉक्टर के बड़े भाई डॉक्टर सुनील कुमार ने दी।
जीवित होने की पूरी संभावना
सुसाइड नोट में सुशील ने जो लिखा है, उससे आशंका जताई जा रही कि खुदकुशी कर ली होगी। क्योंकि उसने लिखा है कि खुद को खत्म करने से पहले वह परिवार को इसलिए खत्म कर रहा है, जिससे उसके जाने के बाद किसी को कोई कष्ट न हो। हालांकि अभी तक उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से संभावना है कि अभी वह जीवित है। इसलिए पुलिस की एक टीम उसके करीबी, दोस्तों व रिश्तेदारों से संपर्क कर जानकारी जुटा रही है।
डॉक्टर सुशील पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। उसकी तलाश में टीमें लगाई गई हैं। सर्विलांस की मदद से कुछ तथ्य सामने आए हैं, जिनके आधार पर तफ्तीश जारी है। – बीबीजीटीएस मूर्ति, डीसीपी पश्चिम