भूत-प्रेत और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज और सनातन धर्म का प्रचार करने दास धीरेंद्र शास्त्री महोबा आए हुए हैं. श्रीश्री 1008 बागेश्वर धाम सरकार में दास धीरेंद्र शास्त्री के पास उनके अनुयायियों का तांता लगा हुआ है. श्रीमद्भागवत कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म को हिंदू जयचंदों से सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने बरसों से लंबित बुंदेलखंड राज की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने वसीम रिजवी के द्वारा सनातन धर्म अपनाने का स्वागत किया है.

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हनुमान रूपी युवा आगे बढ़कर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करें. दरअसल, बरसों पुरानी परंपराओं को युवा भूलते जा रहे हैं और युवा पीढ़ी आजकल नए फैशन को अपनाकर भारतीय संस्कृति को भूलती जा रही है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और मानवता के कल्याण के लिए बागेश्वर धाम लगातार काम कर रहा है. भारत का यह पहला ऐसा धाम है जहां दानपेटी के धन से क्वांरी कन्याओं का विवाह संपन्न कराया जा रहा है.विज्ञापन

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी विरासत है. हमारी सभ्यता ही हमारी पहचान है. सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए हम तमाम कथाएं कर रहे हैं और श्रीमद्भागवत कथा के अनुसार लोगों को सनातन धर्म सिखा रहे हैं. सनातन धर्म के युवा लोग अब क्रिसमस को बड़े धूम से मनाते हैं, जबकि आज तुलसी दिवस के दिन एक पौधा लगाने का संकल्प सबसे बड़ा होता है. मगर सनातन धर्म के लोग इन सब परंपराओं को भूलते नजर आ रहे हैं.