दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर तकनीकी बाधाएं लोगों की जेब पर भारी पड़ रही हैं। मेरठ से दिल्ली तक 58 किलोमीटर का सफर तय करने पर 155 रुपये शुल्क लगता है। दूसरी तरफ मेरठ से डूंडाहेड़ा तक 39 किलोमीटर जाकर लौटने पर भी 240 रुपये काटे जा रहे हैं। 

मेरठ के शास्त्रीनगर गोल मंदिर कैंपस निवासी दिग्विजय सिंह ने बताया कि वह मेरठ से डूंडाहेड़ा तक गए। निकासी के बाद उनका 85 रुपये शुल्क कटा लेकिन, 24 घंटे के अंदर ही वापसी पर काशी टोल प्लाजा पार होने पर 155 रुपये शुल्क काट लिया गया।

बाउंड्री रोड निवासी संजय प्रताप सिंह ने बताया कि वह भी डूंडाहेड़ा निकास द्वार से 85 रुपये टोल देकर गाजियाबाद की ओर निकले। वहां से 24 घंटे के अंदर वापस आने पर मेरठ काशी टोल प्लाजा पर दोबारा 155 रुपये टोल कट गया। 

सेवानिवृत्त सीओ डीपी त्यागी ने बताया कि वह क्रासिंग रिपब्लिक गाजियाबाद से मेरठ की ओर चले। काशी टोल प्लाजा तक 155 रुपये शुल्क काटा गया, जबकि सरायकाले खां से मेरठ तक 155 रुपये शुल्क काटा जाना चाहिए।


हेल्पलाइन नंबर 1033 पर इन समस्याओं के लिए कभी बैंक तो कभी फास्टैग की तकनीकी दिक्कत का हवाला दिया जाता है। लोग परेशान हैं कि आखिर ऐसे में कहां शिकायत करें और इसका समाधान कैसे हो। 

24 घंटे में वापसी पर भी राहत नहीं 
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर मेरठ स्थित काशी टोल प्लाजा सहित छह टोल निकासी और प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। 24 घंटे के अंदर लौटने पर एक तरफ का आधा शुल्क देने का प्रावधान है। इसका भी लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। 

बीच में यू-टर्न लेकर लौटे तो कटेंगे 155 रुपये
वहीं, एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि अगर आप काशी टोल प्लाजा से चलकर डिडावरी रेस्ट हाउस से यू-टर्न लेकर मेरठ लौट रहे हैं तो आपको सरायकाले खां तक का ही 155 रुपये टोल देना होगा। उन्होंने बताया कि काशी टोल प्लाजा से चलने पर आपको एनएचएआई द्वारा तय किए गए निकासी और प्रवेश टोल केंद्र पर जाकर ही टोल देना होगा। तभी आपसे उसी दूरी का टोल काटा जाएगा।