सहारनपुुर में जाहरवीर गोगा महाराज की प्रतीक चिह्न 26 छड़ियां दशमी यानी सोमवार को नेजे की अगुवाई में मानकमऊ स्थित म्हाड़ी पर बैंडबाजों और ढोल नगाड़ों के साथ प्रस्थान करेंगी। सभी छड़ियों पर ड्रोन से पुष्प वर्षा किए जाने का नजारा पहली बार मनमोहक होगा। इसके साथ ही हर तरफ बाबा श्री गोरखनाथ और श्री जाहरवीर का जयघोष सुनाई देगा। इसके साथ मेले का शुभारंभ होगा।

गंगोह रोड पर मानकमऊ में स्थित श्री जाहरवीर गोगाजी की म्हाड़ी पर सोमवार को तीन दिवसीय मेला लगेगा, जिसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी यूपी और आसपास के जिलों से चार लाख से अधिक श्रद्धालु निशान और प्रसाद चढ़ाने पहुंचेंगे। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिनको रविवार की शाम अंतिम रूप दिया जाएगा।

श्री गुग्घा म्हाड़ी सुधार सभा के चौधरी अनिल प्रताप सैनी और महामंत्री ओम प्रकाश सैनी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सोमवार को शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए छड़ियां बैंडबाजों और ढोल-नगाड़ों के साथ अंबाला रोड पर मेला गुघाल परिसर स्थित श्री विश्रामपुरी काल भैरव मंदिर पर शाम पांच बजे एकत्र होंगी। यहां पर छड़ियों का पूजन होगा और विभिन्न राजनीतिक दलों एवं पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होंगे।

मेले का इतिहास 850 साल पुराना है। पहली बार छड़ियों पर विश्रामपुरी काल भैरव मंदिर परिसर में ड्रोन से पुष्प वर्षा की जाएगी, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस दौरान विकास सैनी, मुकेश दीक्षित, राजकुमार सैनी, भारत कर्णवाल, विनय सिंघल, निशांत शर्मा मौजूद रहे।

भगवा रंग के निशान भी चढ़ेंगे
अनिल प्रताप सैनी और ओम प्रकाश सैनी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि भगवा रंग के निशान चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि बाबा श्री जाहरवीर गोगा महाराज हरिद्वार जाते समय सहारनपुर आया करते थे। उन्होंने गंगोह रोड पर कबली भगत को नेजा दिया था। तब, मुगलों का राज था और मंदिरों एवं मूर्तियों को खंडित किया जाता था। तब, श्री जाहरवीर गोगा महाराज ने सनातन धर्म की रक्षा की और भगवा रंग के 24 झंडे बनाए, जिन्हें बाद में छड़ियों का रूप दिया गया। तब भगवा रंग के ही निशान चढ़ा करते थे, जिनका रंग बदलकर नीला कर दिया गया था। उन्होंने श्रद्धालुओं से भगवा रंग के निशान चढ़ाने की भी अपील की।
 
म्हाड़ी की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग

पदाधिकारियों का कहना है कि म्हाड़ी भूमि 450 बीघा है, जो लोगों ने दान दी थी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने म्हाड़ी की भूमि पर कब्जा कर लिया है। अब यहां सिर्फ 40 बीघा ही भूमि रह गई है। उन्होंने कहा कि म्हाड़ी की भूमि पर उर्जन और सुर्जन की समाधि बनी हुई है। यह दोनों श्री जाहरवीर गोगा महाराज के मौसेरे भाई थे, लेकिन इनकी समाधि को भी खुद-बुर्द किया जा रहा है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।