यूपी विधानसभा सत्र से पहले महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, किसानों आदि मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन रोक दिया गया। पुलिस ने पहले ही सपा नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया। सुबह पार्टी विधायकों के घरों के बाहर पुलिस ने पहरा लगा दिया। प्रदेश कार्यालय से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आवास तक बड़ी संख्या में पुलिस लगा दी गई। कार्यालय के बाहर सपाइयों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने सपाइयों को हिरासत में लेकर ईको गार्डेन भेज दिया।
वहीं लखनऊ कमिश्नर ने कहा कि लखनऊ में धरना-प्रदर्शन के लिए ईको गार्डेन चिहि्नत है। विधानसभा पर धरने से लोगों को दिक्कत होती। धरने से सुरक्षा भी प्रभावित होती। उन्होंने कहा कि पुलिस हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन कर रही है। ईको गार्डेन में धरना-प्रदर्शन करें कोई दिक्कत नहीं है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी इस बार विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही पांच दिन का धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। 14 सितंबर से 18 सितंबर तक विधान भवन में चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष पार्टी के विधानसभा व विधान परिषद सदस्य धरना देंगे। इस आंदोलन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी एक दिन धरने पर बैठेंगे। लेकिन धरने से पहले पुलिस सक्रिय हो गई। नजरबंद की कार्रवाई शुरू हो गई। इस पर सपाइयों में आक्रोश है। सपा ने कहा कि विधायकों को घर से निकलने नहीं दिया जा रहा है। पार्टी ने इसकी घोर निंदा की है।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था, भर्तियों में धांधली, स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टचार, गरीब के घरों पर चल रहे बुलडोजर, किसानों की दुर्दशा के मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने आज विधानसभा जा रहे हैं सपा विधायक लेकिन पुलिस सपा विधायकों को घरों से निकलने नहीं दे रही। घोर निंदनीय!