कानपुर शहर की बेटी दिव्या मिश्रा ने सिविल सर्विसेज में बाजी मारी है। ऑल इंडिया 28वीं रैंक लाकर उन्होंने न सिर्फ माता-पिता का मान बढ़ाया, बल्कि कानपुर का नाम भी रोशन कर दिया।
बचपन से ही आईएएस बनने का सपना सच करने के लिए दिव्या ने दिन-रात कड़ी मेहनत की। उन्होंने तीसरी बार में सफलता प्राप्त की है। पिछली बार भी यूपीएससी क्वालीफाई किया था, तब दिव्या की 312वीं रैंक आई थी और उसे इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस मिला था। फिलहाल वह ट्रेनिंग में हैं। नौबस्ता निवासी दिव्या के पिता दिनेश मिश्रा का जवाहर नवोदय विद्यालय, मनकापुर गोण्डा में प्रधानाचार्य हैं। मां मंजू मिश्रा गृहिणी हैं। छोटा भाई दिव्यांशु सेना में लेफ्टिनेंट हैं और वर्तमान में मध्य प्रदेश में चल रही ट्रेनिंग में है। कुछ ही माह के अंतराल पर मिश्रा परिवार को दूसरी खुशी मिली है। पहले दिव्यांशु का लेफ्टिनेंट में चयन और अब बेटी दिव्या का सिविल में क्वालीफाई करना। दिव्या ने बताया कि हाईस्कूल व इंटर की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय उन्नाव से की है। 10वीं में 96.6 फीसदी के साथ स्टेट टॉपर थीं। 12वीं में 92.4 फीसदी अंक थे। दिव्या ने एकेटीयू से बीटेक किया है और ब्रांज मेडल मिला था। आईआईएम से पीएचडी की है। दिव्या ने बताया कि सिर्फ उसका नहीं बल्कि पूरे परिवार का सपना था कि वह आईएएस बने। आज वह पूरा हो गया है।
जिंदल परिवार का सपना सच किया वैभव ने
वैभव जिंदल यूपीएससी क्वालीफाई करने के साथ इस बात से अधिक उत्साहित हैं कि उन्होंने जिंदल परिवार का सपना सच कर दिया है। उनकी यूपीएससी में ऑल इंडिया 253वीं रैंक है। अभी क्या मिलेगा, यह कहना मुश्किल है। छत्तीसगढ़ के रहने वाले वैभव के पिता प्रवीन का बिजनेस है। मां ममता गृहिणी हैं। वैभव ने हाईस्कूल की पढ़ाई छत्तीसगढ़ से की। वैभव का कानपुर से गहरा लगाव है। उनके चाचा सुशील जिंदल, विशाल जिंदल व उमेश जिंदल का परिवार काकादेव में रहता है और इनका स्टील का बिजनेस है। वैभव ने बताया कि 11वीं व 12वीं की पढ़ाई भी सर पदमपत एजुकेशन सेंटर से की है। वर्ष 2015 में 98.2 फीसदी अंक के साथ स्कूल टॉपर था। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की और सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गया। आखिरकार तीसरी बार में यह सफलता मिली है।
इनका भी हुआ चयन
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज 2020 के परिणाम शुक्रवार देर शाम घोषित किए। उत्कर्ष अकादमी के निदेशक डॉ. अलका प्रदीप दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष पांच अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की है। डॉ. दीक्षित के मुताबिक आदित्य सिंह की 92वीं रैंक मिली है। आदित्य वर्तमान में एसडीएम पद पर कार्यरत हैं। इसी तरह आईआईटी से बीटेक करने वाले मुकुंद टिबरेवाल की 200वीं रैंक व चिराग जैन की 205वीं रैंक आई है। सौरभ सिंह की 411वीं और लखनऊ की टि्वंकल सिंह की 702वीं रैंक आई है। आलोक आईएएस एकेडमी के आलोक पांडेय ने बताया कि लॉकडाउन के कारण छात्रों को तैयारी करने में काफी दिक्कत हुई। इस वर्ष भी इंजीनियरिंग के छात्रों ने अधिक सफलता प्राप्त की है।