राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत बुधवार शाम को पांच दिवसीय प्रवास पर वाराणसी पहुंचे। यहां आने के बाद उन्होंने विश्व संवाद केंद्र पर काशी प्रांत के सभी प्रमुख पदाधिकारियों के साथ परिचय बैठक कर काशी में संघ के कार्यों की जानकारी ली।
भागवत के पांच दिवसीय प्रवास के दौरान होने वाले आयोजनों से निश्चित ही काशी से संघ के नए आयामों को गति मिलेगी। मोहन भागवत बुधवार शाम को करीब सात बजे गाजीपुर से वाराणसी पहुंचे। यहां पर सबसे पहले काशी प्रांत के प्रमुखों के साथ परिचय बैठक में उन्होंने काशी प्रांत में संघ की गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
संघ प्रमुख ने यह भी निर्देश दिया कि तीन दिन तक जो कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की बैठक होनी है, वह पूरी तरह गोपनीय है। ऐसे में यह बेहद अहम है कि सभी लोग पूरी तैयारी के साथ बैठक में शामिल हो। जो सुझाव हो, उनको भी सामने रखा जाए।
भागवत ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को स्वावलंबी बनाने के लिए महाराष्ट्र के कर्णावती में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पारित हुआ है। बैठक में प्रतिनिधि सभा के प्रस्तावों पर पर भी चर्चा की जाएगी। सुझावों पर अमल करने पर मंथन होगा।
आज आएंगे काशी प्रांत के सभी प्रचारक
आरएसएस के अनुसांगिक संगठन के पदाधिकारी और काशी प्रांत के सभी प्रचारक बृहस्पतिवार को काशी पहुंच जाएंगे। शुक्रवार की सुबह से अलग-अलग सत्रों में बैठक होगी। सत्रों में संगठनात्मक बैठक के साथ ही संघ की अहम शाखा कुटुंब प्रबोधिनी को बढ़ावा देने के बारे में निर्णय लिए जाएंगे।
यह है पूरा कार्यक्रम
सरसंघचालक बृहस्पतिवार को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होंगे। शुक्रवार को दो सत्रों में काशी प्रांत के प्रचारकों के साथ बैठक करेंगे। शनिवार सुबह पूर्व प्रांत के संगठन श्रेणी (बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, प्रांत व्यवस्था प्रमुख) और दोपहर बाद जागरण श्रेणी (प्रांत संपर्क प्रमुख, प्रांत सेवा प्रमुख, प्रांत प्रचार प्रमुख) के साथ बैठक करेंगे। अंतिम दिन रविवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में प्रवासी कार्यकर्ताओं के साथ कुटुंब स्नेह मिलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। देर रात वह लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।