मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएए हिंसा के दौरान खुल तौर पर कहा था कि उपद्रवियों से पूरी वसूली की जाएगी । सीएम योगी आज भी अपनी इसी बात पर अडिग हैं । दंगे के आरोपियों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के मामले में कतई पीछे हटने को तैयार नहीं है । इसी फेहरिस्त में योगी सरकार उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए अध्यादेश के तहत एक ट्रिब्यूनल बनाने की तैयारी कर रही है । इस ट्रिब्यूनल का नाम यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी हो सकता है।

ट्रिब्यूनल में रिटायर्ड जिला जज चेयरमैन होंगे । अध्यादेश के मुताबिक ट्रिब्यूनल के चेयरमैन के अलावा एक और सदस्य होगा । यह सदस्य असिस्टेंट कमिश्नर लेवल का होगा ।इसके साथ ही ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी क्योंकि इस ट्रिब्यूनल के पास अदालती अधिकार होंगे । वहीं अभी तक जो अधिकार सरकार ने एडीएम को दे रखे थे, वे सभी अधिकार इस ट्रिब्यूनल के पास होंगे ।

ट्रिब्यूनल प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति के तोड़फोड़ या नुकसान की भरपाई के लिए कड़े प्रावधान रखेगा, जिसके तहत आरोपी की संपत्ति जब्त करने से लेकर आरोपियों की तस्वीरों को प्रसारित करने का भी अधिकार होगा. अभी तक योगी सरकार साल 2011 के शासनादेश यानी GO के तहत कार्रवाई की थी लेकिन अब अध्यादेश के बाद ट्रिब्यूनल बनाने के साथ ही कानूनी तौर पर सरकार को आसानी होगी।

बता दें कि लखनऊ में 19 दिसंबर को सीएए प्रोटेस्ट के दौरान जमकर बवाल हुआ था. इसके बाद सरकार ने हिंसा के आरोप में दर्जनों लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था । वहीं, 57 लोगों को नोटिस भेजकर निजी और सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया गया था ।