फर्रुखाबाद के बहादुरगंज में गुरुवार की रात एक शिक्षक ने दो मासूम बेटियों की हत्याकर खुद फंदा लगाकर जान दे दी। पास में सुसाइड नोट मिला है। इसमें पत्नी की मौत से दुखी होकर जान देने की बात लिखी है। एक निजी इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले सुनील जाटव उर्फ धर्मेंद्र (38) घर पर बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते थे। शुक्रवार सुबह बच्चों के पहुंचने पर उनका कमरा नहीं खुला तो मकान की ऊपरी मंजिल में रहने वाले मामा रामनाथ और पड़ोसी सिपाहियों ने दरवाजा तोड़ा। भीतर रोंगटे खड़े कर देने वाला दृश्य था। सुनील का शव फंदे से लटक रहा था। बेटी श्रष्टि (12) और सगुन (8) के शव बेड पर पड़े थे। दोनों की गला दबाकर हत्या की गई थी। सुनील के शव के पास सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा है कि पत्नी प्रीती के बिना जीवन अधूरा है। वह दोनों बच्चियों के साथ उसी के पास जा रहा है।
घटना से मोहल्ले में हड़कंप मच गया। फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची।
एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि दोनों बेटियों की हत्या कर सुनील ने फांसी लगाई है। रामनाथ ने बताया कि सुनील उनका भांजा है।विज्ञापन
पांच माह की उम्र में उसे गोद ले लिया था। सुनील की पत्नी प्रीती की दो माह पूर्व लखनऊ के मोहनलाल गंज स्थित मायके में करंट की चपेट में आकर मौत हो गई थी। उसके बाद से ही वह तनाव में था।
आई मिस यू प्रीती, तुमने ही जीना सिखाया
सुनील पत्नी की मौत के बाद से डिप्रेशन में रहता था। उसके शव के पास मिले डेढ़ पेज के सुसाइड नोट में पत्नी के लिए लिखा है कि प्रीती ने जीना सिखाया, अब उसके बिना कैसे रहूं। बेटियों को किसके सहारे छोड़ दूं। इसलिए वह दोनों बच्चों के साथ आत्महत्या कर रहा है। आई मिस यू प्रीती। विज्ञापन
लिखा है कि फर्रुखाबाद या भोगांव का परिवार किसी का कोई दबाव नहीं है। जो काम करने जा रहा है, उससे काफी शर्मशार हूं। और दोनों परिवार सहयोग बनाए रखना। अपनी पत्नी प्रीती के बिना नहीं रह पा रहा हूं।
आज वह नहीं है, तो मेरे जीवन में कुछ नहीं है। प्रीती ने अपना जीवन मेरे लिए समर्पित कर दिया था। प्रीती की ही देन थी कि उसने गांव के लड़के का जीवन बदल
दिया।
आगे लिखा कि अगले जन्म में आऊंगा, तो ऐसा नसीब नहीं लेकर आऊंगा। जन्म हुआ, तो मां नहीं। शादी हुई, तो पत्नी नहीं। मेरा और बेटियों का पोस्टमार्टम न कराएं।