गाजीपुर में वो लौट आए हैं… जिन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया गया था… अब कह रहे हैं- डरूंगा नहीं
यूपी में निकाय चुनाव का मौसम आया था… तभी कोर्ट का एक फैसला आ गया… मुख्तार अंसारी का ‘हौसला’ कैद हो गया
लेकिन हाईकोर्ट के एक फैसले ने मुख्तार की उम्मीदों को उड़ान दे दी… क्योंकि अफजाल अंसारी लौट आए हैं
वो कह रहे 29 तारीख साजिश करने वालों की कामयाबी का दिन था… 27 तारीख दुआ करने वालों का दिन है
जीहां ये विश्वास किसी और का नहीं, बल्कि उसका रहा जो कभी सांसद था… अब सांसद नहीं रहा… लेकिन उनकी उम्मीदें अब भी है… तो कह रहे है… चाहे कितना भी कर लो सितम… मैं हार नहीं मानूंगा… डरूंगा नहीं… लडूंगा, रार नया ठानूंगा… पूर्वांचल अंसारी परिवार का जब जिक्र होता है… तो सबसे पहले नाम माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का होता है… उसी के मुताबिक पूरे अंसारी परिवार के खिलाफ धारणा बनाई जाती है… उसी के नजरिए से पूरे अंसारी परिवार को देखा जाता है… कुछ ऐसा ही शायद गाजीपुर के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी के साथ हुआ तो उन्होंने अपने शब्दों में कुछ इस तरह से परिभाषित किया… अफजाल अंसारी इस धारणा को तोड़ते हुए कहते हैं…
वो परिवार है जो मुल्क की आजादी के लिए लड़ाई लड़ा, कुर्बानियां दीं और आज… इल्जाम है की हमारी इतनी दहशत है कि नाजायज तरीके से हम जनता से अवैध धन वसूलते हैं… इल्जाम है कि हम कमजोर लोगों की जमीन जायदाद को कब्जा कर लेते हैं… हमने और हमारे बाप दादा ने लोगों को बसाया है… हमारे ऊपर उल्टा इल्जाम लगाने वाले वो लोग हैं जो गरीबो का गला घोंटते हैं… 29 तारीख साजिश करने वालों की कामयाबी का दिन था और आज 27 तारीख दुआ करने वालों का दिन है… उनके मंसूबे नाकाम हुए… लड़ाई खत्म नहीं हुई, हमें सुप्रीम कोर्ट जाना है…
अफजाल अंसारी ने अपने विरोधियों को सीधा संकेत दे दिया… कि वो डरे नहीं हैं… लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है… तबतक लड़ेंगे जबतक जीत नहीं जाते… गाजीपुर के पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी 27 जुलाई को जेल से रिहा होकर अपने पैतृक आवास मोहम्मदाबाद फटक पहुंचे… यहां अपने समर्थकों को अफजाल अंसारी ने मौके पर मौजूद कस्बे के लोगों को संबोधित किया…अफजाल अंसारी को गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में बीती 29 अप्रैल को 4 साल की सजा हुई थी… इसके चलते उनकी संसद सदस्यता भी समाप्त हो गई थी… इसके खिलाफ अंसारी हाइकोर्ट गए थे, लेकिन वहां उनकी सजा पर रोक नहीं लगायी गई… लेकिन तीन दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से उनको सशर्त जमानत दे दी गई थी… जिसके बाद 27 जुलाई को अफजाल अंसारी जेल से जमानत पर रिहा हुए… अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि
लोगों को खबर मिली होगी, मुझे एक केस में चार साल की सजा हुई और मुझे जेल जाना पड़ा. आज 90 दिन बाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा हुआ हूं… हमारे खिलाफ सारी एजेंसियां लगी हुई हैं. लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है
अफजाल अंसारी यही नहीं रुके… उन्होंने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान का जिक्र किया… सरकार उनके साथ क्या कर रही है… सिस्टम के जाल में उन्हें किस तरह से उलझाया गया… उसका जिक्र अफजाल अंसारी करने लगे… कहने लगे…
आजम खान और उनके बेटे के साथ भी इसी तरह के हालात बने थे… अभी इसी सप्ताह बीजेपी के एक एमपी को सजा हुई है… थाने में घुसकर मारपीट के आरोप में एक साल की सजा हुई ताकि उनकी सदस्यता न रद्द हो और जेल न जाना पड़े…
अफजाल के लिए बीजेपी की डबल इंजन सरकार जालिम है… जो जुल्म करके उनकी परीक्षा ले रहे है… लेकिन अफजाल को कुदरत के निजाम पर विश्वास है… इसलिए कह रहे हैं…
कुदरत की ओर से एक विकल्प बन गया है और वो विकल्प इनकी नींद हराम कर चुका है. जो विपक्ष तैयार हुआ है, 24 में किसी भी कीमत पर ये लौटकर आने वाले नहीं हैं..इनकी हुकूमत का खात्मा होना निश्चित है
और आखिर में गाजीपुर के पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा, लड़ाई लड़ी जाएगी… आवाज मेरी दबाई नहीं जा सकती… अभी वो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे… महंगाई, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर कोई बात नहीं हो रही है… अभी थका हुआ हूं, परिवार में जाऊंगा,.. आप अमन और भाईचारे से मोहर्रम का त्योहार मनाइये… साफ है… अफजाल अंसारी बीजेपी की ताकत के सामने झुकने के मूड में नहीं है… लड़ने के मूड में हैं… अभी शरीर थका हुआ है… तो इसलिए आराम करने की बात कह रहे हैं… लेकिन अफजाल अंसारी का दिमाग अभी चल रहा है… आराम नहीं लड़ाई लड़ने के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है…