भारत में कोरोना की स्थिति क्या मौजूदा वक्त में काबू में है ? इस सवाल के साथ WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ये रिपोर्ट डरावनी है । WHO की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 30 मार्च तक कोरोना वायरस के 1,071 मामलों की पुष्टि हुई थी, जो 8 अप्रैल की शाम तक बढ़कर 5,200 से ज्यादा हो गई। इस तरह केवल 9 दिनों में ही भारत में कोरोना वायरस के मामलों में करीब पांच गुना बढ़ोत्तरी हो गई।

समझिए ये समझना जरूरी है !

भारत में कोरोना मरीजों से संख्या 100 से एक हजार पहुंचने में करीब 15 दिन का समय लगा। लेकिन 14 मार्च के बाद कोरोना ने अपनी रफ्तार तेज कर दी । भारत में 9 दिन में ही कोविड-19 से संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार से बढ़कर 5 हजार पहुंच गया। इतना ही नहीं इन 5 हजार मामलों के साथ ही भारत में कोरोना से मृत्यु दर अन्य देशों की तुलना में अधिक है।

भारत में कोरोना के चपेट में युवा !

भारत के मामले में पहले ये कहा जा रहा था कि यहां संक्रमण का खतरा कम होगा क्योंकि कोरोना का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने ये पाया कि ये वायरस खासकर बुजुर्गों पर हमला करता है और भारत की ज्यादातर आबादी युवा है। लेकिन नतीजे इसके उलट थे। भारत में कोरोना से संक्रमितों में युवाओं का प्रतिशत 42 था। आंकड़ों के मुताबिक कोरोना से संक्रमितों में 42 फीसदी मरीजों की उम्र 21 से 40 साल के बीच है।

भारत में तेजी से बढ़ रहा मृत्युदर

सिर्फ 5 हजार से ज्यादा मामलों के साथ ही भारत में कोरोना से मृत्युदर दुनिया में आठवें स्थान पर है। अमेरिका, स्पेन, चीन, फ्रांस और ईरान जैसे इस वायरस से भयानक रूप से प्रभावित देशों में 5 हजार मामलों को पार करने के बाद भारत की तुलना में कम मौतें हुईं। 5 हजार संक्रमितों के साथ स्वीडन में मौत का आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा रहा।

भारत में कोरोना को फैलाने में जमातियों का बड़ा हाथ

भारत में कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकले तब्लीगी जमात के लोगों से देश में कोरोना संक्रमण के मामले चार दिन में दोगुने हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में 30 फीसदी मरीज जमाती हैं।