यूपी से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया है । अमन मणि त्रिपाठी के अलावा 12 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया है। सभी पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप है। हालांकि गिरफ्तारी के बाद इन सभी को जमानत भी मिल गई है। ।
नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के नाम पर लॉकडाउन का उलंघन किया है। अमन मणि त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने सीएम योगी के मृत पिता के नाम पर फर्जीवाड़ा किया और अपना पास बनवाया।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अमन मणि त्रिपाठी ने सीएम के पिता के निधन के बाद होने वाले क्रिया-कलापों के नाम पर अपना पास बनवाया और इसी पास की बदौलत वो अपने समर्थकों के साथ बद्रीनाथ घूमने निकल गए।विधायक को जारी पत्र के अनुसार, उन्हें दो मई से सात मई तक यात्रा करने का पास दिया गया था। कार्यक्रम के अनुसार, दो मई को देहरादून से श्रीनगर पहुंचना था, लेकिन वे गौचर पहुंच गए। इसी तरह तीन मई को बद्रीनाथ, पांच को केदारनाथ व सात मई को वापस लौटना था।
अमन मणि त्रिपाठी को बद्रीनाथ, केदारनाथ जाने की इजाजत दी गई थी। हालांकि रास्ते में चमोली के एसडीएम वैभव गुप्ता ने उन्हें वापस भेज दिया। लौटते वक्त ऋषिकेश में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एसडीएम ने बताया था कि अमन मणि त्रिपाठी तीन गाड़ियां लेकर अमरनाथ जा रहे थे।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाई महेंद्र ने किसी भी तरह के पितृ कार्य को नकारा है । पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट की अस्थियों को प्रवाहित किया जा चुका है ।ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरी इजाजत किस आधार पर दी गई । बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बावजूद अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड में प्रवेश कैसे करने दिया गया है ।
कोरोना के चलते पूरे देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत धार्मिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से आम जनता के लिए बंद है । बावजूद इसके अमनमणि त्रिपाठी को इजाजत क्यों दी गई? फिलहाल, अमनमणि के खिलाफ टिहरी के मुनी की रेती थाने में महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है ।