Swami के बयान पर Akhilesh का गुस्सा, Rajbhar ने धर्मसंकट में डाल दिया !
Swami के बयान पर Akhilesh का गुस्सा, Rajbhar ने धर्मसंकट में डाल दिया !

स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस पर दिए विवादित बयान पर सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने तीखा प्रहार किया है… राजभर, स्वामी के बयान पर लोट पोट हो रहे हैं… खिलाखिलाकर स्वामी प्रसाद मौर्य का मौज ले रहे हैं… हंसी ढिढोली करते हुए कह रहे हैं… स्वामी के बड़बोलपन पर हंसी आ रही है…. सवाल है कि… क्या उन्होंने रामचरित मानस पूरा पढ़ा है? ये कब की कहानी है, किसने कहा है… ये भी जानकारी होनी चाहिए…. लेकिन आगे बढ़ते हुए एक वाकये का जिक्र कर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को घेर लिया… अखिलेश की पार्टी सपा के ही एक नेता उस वक्त भगवान राम के खिलाफ कुछ ऐसा कहा था… जिसके बाद अखिलेश को एक्शन लेना पड़ा… अब ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं… उसपर कार्रवाई की तो स्वामी पर भी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे अखिलेश…. क्या गम सता रहा है… जो अखिलेश स्वामी के खिलाफ गुस्से का इजहार करना चाहते हैं… इजहार कर नहीं पा रहे हैं…. या फिर कृष्ण के पहले रूप राम से अखिलेश बैर है… आपको बताएंगे वो नेता कौन जिसके खिलाफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्रवाई की थी… जिसका जिक्र ओमप्रकाश राजभर कर रहे हैं…

सबसे पहले स्वामी की बखिया ओम प्रकाश राजभर ने अपने शब्दों से किस कदर उधेरा वो जान लीजिए…. ओम प्रकाश राजभर कह रहे हैं… स्वामी प्रसाद अपनी बिटिया को अभी उसी राम दरबार के अगुवा भाजपा में रखे हैं, उनकी बेटी अभी भगवान राम के दरबार में सांसद है… पहले अपनी बिटिया को समझाएं, ऐसे बयान देकर विवाद ना खड़ा करें, पहले उनका इस्तीफा दिलवा दें… बीजेपी का मतलब भगवान राम के नाम पर, स्वामी प्रसाद जब भाजपा के साथ गए तो वहां भगवान राम के नाम पर ही वोट मांगे… हमने भी देखा कि वो हेलीकॉप्टर में घूम-घूम भाषण दे रहे थे, तब तो ये भगवान राम के समर्थन में थे… अगर समर्थन में नहीं होते तो क्या बीजेपी में मंत्री बनते… क्या बीजेपी उन्हें टिकट देती… राजभर, स्वामी की राजनीति की पोल खोलते गए कहते गए…
बीजेपी में जब वो थे उस समय वो रामम शरणम गच्छामि थे… राम की शरण में जाकर 5 साल तक मलाई काटी. स्वामी प्रसाद मौर्य जब सत्ता में थे बसपा में 4 बार तब ये याद नही आया… जब देखा बसपा में राजनीतिक मलाई नहीं मिलने वाली तो राम के दरबार में चले गए… 5 साल मलाई खाई फिर सपा के दरबार चले गए मलाई खाने… सपा की सरकार नहीं बनी, अब कोई पूछने वाला नहीं हैं तो चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. जब सत्ता में थे तब क्या दलित और पिछड़ों की याद आई…चलिए अब उस नेता के बारे में आपको बताते हैं… जिन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य जैसा किया… तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो गई….

गाजीपुर के सरौली गांव निवासी लोटन राम निषाद समाजवादी पार्टी में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहते हुए भगवान राम को काल्पनिक बताया था… उनकी तुलना फिल्मों के काल्पनिक चरित्र से की थी… साथ ही कहा था कि राम का मंदिर बने या कृष्ण का मुझे इससे कुछ नही लेना, राम के प्रति मेरी कोई आस्था नहीं है… जिसपर बीजेपी ने काफी विरोध किया था… उसके बाद अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने इन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया था… रामचरित मानस से लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है… ऐसा देश मानता है… तो राजभर भी मान रहे हैं… इसलिए कह रहे हैं… सपा चुप है, मतलब सपा उनके बयान के समर्थन में है कि उनका बयान सही है…. अगर समर्थन में नहीं है तो जो लोटन राम निषाद के साथ कार्रवाई हुई, वही इनके साथ भी कार्रवाई हो…. उन्होंने कहा विनाश काले विपरीत बुद्धि, ये सपा के बुरे दिन हैं. जो भी बयान आ रहे हैं वो सपा को पतन की ओर ले जाने के लिए आ रहे हैं….

अब राजभर अखिलेश पर आग उगल रहे हैं…. कह रहे हैं… स्वामी प्रसाद ने सपा ज्वाइन की, सपा ने टिकट दिया, लेकिन चुनाव हारने के बाद समझ जाना चाहिए था कि वो कितनी बड़ी ताकत है…. पार्टी के तमाम पुराने दिग्गज नेता जो खून पसीना एक कर पार्टी को आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं उनके साथ अन्याय हुआ… जो सपा के खिलाफ बोलते थे कभी, बाहर से लाकर के सपा ने एमएलसी बना दिया. सपा ने इसीलिए एमएलसी बना दिया कि जाओ जितना रामचरितमानस के खिलाफ बोलना है बोलो… सपा पतन की ओर जा रही है. जैसे लंका का नाश हुआ वैसे ही सपा को खत्म करने के लिए ये बयान है…. तो क्या माना जाए.. जिस कार्रवाई की बात ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं… जैसी कार्रवाई राम लोटन निषाद पर हुई थी क्या वैसी कार्रवाई स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ होगी…