आगरा जिले में पायल कारोबारी नवीन वर्मा का जब गला काटा गया वह जिंदा थे। उनके सिर में गोली नहीं लगी थी। भाजपा नेता टिंकू भार्गव ने एक हाथ से उनके सिर के बाल पकड़े थे दूसरे हाथ से गला काटा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और हत्यारोपी से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम में नवीन के कटे सिर में कोई गोली नहीं मिली।
तरकारी वाली गली, लोहामंडी निवासी कारोबारी नवीन वर्मा की गुरुवार की रात बेरहमी से हत्या की गई थी। पुलिस ने भैरों बाजार, बेलनगंज (छत्ता) निवासी टिंकू भार्गव और अनिल को शव ठिकाने लगाते समय पकड़ा था। नवीन की सिर कटी लाश कार के पास पड़ी थी। कटा हुआ सिर कार की पिछली सीट पर काले रंग की पॉलीथिन में रखा था। उनके कपड़े भी कार में पड़े थे। तन पर सिर्फ एक बनियान थी। हत्याकांड की विवेचना इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद कुमार शाही कर रहे हैं।
एएसपी सत्य नारायण ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। पुलिस को हत्यारोपी टिंकू भार्गव ने यही बताया था कि पहले कनपटी पर गोली मारी थी। पोस्टमार्टम के दौरान कटे हुए सिर का एक्सरे कराया गया। उसमें कोई गोली नहीं मिली। कनपटी के पास गोली का कोई जख्म भी नहीं था। गोली चली थी यह प्रमाणित है। पुलिस को कार में खाली खोखा मिला था। पुलिस कार का टेक्नीकल मुआयना कराएगी। गोली उसमें फंसी होगी तो मिल जाएगी। टिंकू कार चला रहा था। बराबर वाली सीट पर नवीन बैठा था। अनिल ने भी पूछताछ में यह बताया था कि गोली चलते ही वह घबरा गया था। कार रोकने को कहा था। टिंकू ने नहीं रोकी। यह कहकर धमकाया कि फंस जाएगा। पहले लाश ठिकाने लगानी पड़ेगी। पुलिस आशंका जता रही है कि शराब के नशे के कारण नवीन होश खो बैठा था। टिंकू को लगा कि उसे गोली लग गई है। मीट काटने वाले छुरे से नवीन का गला धड़ से अलग कर दिया।
पहले अपना मोबाइल किया था टिंकू ने बंद
टिंकू भार्गव ने अपना मोबाइल रात करीब साढ़े सात बजे बिजलीघर के पास बंद कर दिया था। हाईवे पर आने के बाद नवीन का मोबाइल स्विच ऑफ कराया। इसके पीछे भी मंशा थी। पुलिस नवीन की तलाश शुरू करती तो सबसे पहले उससे पूछताछ होती। वह यही कहता कि बिजलीघर से नवीन अकेला घर के लिए निकला था। पुलिस को नवीन के मोबाइल की लोकेशन एमजी रोड और हाईवे पर मिलती। जबकि टिंकू के मोबाइल की लोकेशन उसके साथ नहीं होती। पुलिस सख्ती करती तो वह अपने भाजपा नेता का फायदा उठाता। पुलिस पर दबाव बनाता। घरवालों को भरोसे में लेकर धरना प्रदर्शन करता। थाने का घेराव करता। उसकी इस योजना पर पानी फिर गया।
शव ठिकाने लगा देता फिर विरोध प्रदर्शन करता टिंकू
भाजपा नेता टिंकू भार्गव ने हत्या से पहले बचने की योजना भी बनाई थी। वह उसमें सफल हो जाता तो विरोध प्रदर्शन करने वालों में सबसे आगे होता। टिंकू की योजना थी कि हत्या के बाद शव ठिकाने लगा देगा। नवीन नहीं मिलेगा तो परिजन परेशान होंगे। मददगार बनकर वह परिवार में घुस जाएगा। परिजन उसके साथ चलेंगे पुलिस भी उस पर शक नहीं करेगी। संयोग से ऐसा हो नहीं पाया। टिंकू भार्गव ने करीब एक सप्ताह पहले हत्या की योजना बनाई थी। प्रतापपुरा गया। वहां से कार की फर्जी नंबर प्लेट बनवाई। वह गूगल पर हत्या के बाद बचने के तरीके सर्च कर रहा था। उसे पता था कि अज्ञात शवों की पहचान के लिए पुलिस उनके फोटो वायरल करती है। शव सिर विहीन होगा तो शिनाख्त में बहुत दिक्कत आएगी। शरीर पर ऐसी कोई निशानी नहीं छोड़नी है जिससे शव की पहचान हो सके। गला काटने के बाद उसने नवीन की चेन, अंगूठी, घड़ी, ब्रेसलेट उतार लिए। तन पर सिर्फ बनियान छोड़ी। शव को झाड़ियों में फेंकने वाला था। जिस जगह शव फेंक रहा था वहां कोई रहता नहीं है। शव कई दिन बाद पुलिस को मिलता। तब तक सड़ जाता। सिर को मथुरा ले जाकर यमुना में फेंकता