कवियत्री मधुमिता सिंह और सारा सिंह की हत्या का मामला रविवार को उस समय फिर चर्चा में आ गया जब दोनों के परिवारीजनों ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनके बेटे विधायक अमनमणि से जान का खतरा बताया। मधुमिता की बहन निधि शुक्ला और सारा की मां सीमा सिंह ने रविवार को प्रेस क्लब में संयुक्त प्रेस वार्ता कर ये आरोप लगाये। सीमा सिंह ने अमनमणि को बेटी सारा की हत्या का आरोपी बताते हुये कहा कि भाजपा को उसे टिकट नहीं देना चाहिये।
सीमा ने कांग्रेस, सपा, बसपा से अमनमणि को अपनी पार्टी से 2022 का टिकट न दिए जाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अमनमणि ने साठगांठ कर सारा सिंह की हत्या को पूरी तरह से मैनेज कर लिया है। वह लगातार उन पर इस मामले में पैरवी न करने के लिये दबाव बना चुका है। निधि शुक्ला ने आरोप लगाया कि अमरमणि त्रिपाठी 10 साल से डीआरडी मेडिकल कालेज में बीमारी का बहाना कर भर्ती है। जबकि उसे आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है। निधि व सीमा सिंह ने संयुक्त रूप से मांग की कि अमरमणि को उत्तराखंड में शिफ्ट किया जाये क्योंकि वहीं की कोर्ट ने उन्हें सजा सुनायी है। लिहाजा वह वहीं का कैदी है। दोनों ने आरोप लगाया कि उन्हें काफी समय से जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उनके साथ कभी भी कोई अनहोनी करायी जा सकती है। यह बातें पुलिस अफसरों को बतायी जा चुकी है पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये गये हैं।
मधुमिता की हत्या 2003 में हुई
नौ मई, 2003 को निशातगंज की पेपरमिल कालोनी में मधुमिता की हत्या कर दी गई थी। इसमें मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने लगातार पैरवी की, आखिर में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी मधुमणि समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
2015 में सारा की मौत हुई
वर्ष 2015 में नौ जुलाई को फिरोजाबाद में अमनमणि अपनी पत्नी सारा सिंह के साथ कार से जा रहे थे। हाईवे पर कार पलटने से सारा की मौत हो गई थी। इस मामले में 18 जुलाई को विधायक अमनमणि के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। इसकी जांच सीबीआई को दी गई थी। अमनमणि इस समय गोरखपुर की नौतनवां सीट से विधायक है।