Bihar के वो चार अयोग्य नेता जो Rahul gandhi से पहले अयोग्य ठहराये गए ?

राहुल गांधी की गई सांसदी और देश की राजनीति में आया भूचाल
राहुल गांधी से पहले भी कई नेताओं की जा चुकी है कुर्सी
अकेले बिहार में ही चली गई है चार बड़े नेताओं की कुर्सी
बिहार में जब होता है चुनाव तो ये चार नेता रहते हैं चुनाव से बाहर

देश में ये पहली बार हुआ है कि विपक्षी दल के सबसे बड़े नेता को मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई गई हो और इसके चलते उसे अयोग्य ठहराया गया हो….सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराये जाने का ये अपनी तरह का पहला मामला है…लेकिन सजा के बाद अयोग्य ठहराए जाने वाले नेताओं में राहुल गांधी अकेले नहीं हैं उनसे पहले भी कई नेता सजा मिलने के बाद अयोग्य ठहराए जा चुके हैं…इनमें चार नेता तो अकेले बिहार से ही हैं जिन्हें किसी मामले में सजा सुनाई गई और फिर वो सदस्यता और चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिए गए…कौन हैं वो बिहार के चार बड़े नेता और उन्हें किन मामलों में सजा सुनाई गई बताएंगे आपको पूरी खबर विस्तार से…बस हमारे इस वीडियो को आखिर तक देखते रहें….

क्या है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम

दरअसल इन चार नामों को जानने से पहले हमें ये समझना होगा कि आखिर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम है क्या जिसके चलते इतने बड़े बड़े नेता चुनाव नहीं लड़ सकते उनकी विधायकी और सांसदी चली जा रही है….दरअसल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के मुताबिक

यदि किसी जनप्रतिनिधि को किसी मामले में दो साल या उससे ज्यादा जेल की सजा सुनाई जाती है, तो वह दोषी करार दिये जाने की तारीख से सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाएगा।
सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह और साल के लिए अयोग्य रहेगा।

चलिए अब हम बताते हैं राहुल गांधी के अलावा बिहार के उन चार बड़े जनप्रतिनिधियों के बारे में जिनकी इसी जन प्रतिनिधित्व कानून के चलते कुर्सी चली गई ना केवल कुर्सी चली गई बल्कि चुनाव भी नहीं लड़ सकते….दरअसल ये वो नेता हैं जिन्हें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराये जाने एवं सजा सुनाये जाने के बाद संसद और विधानसभाओं की सदस्यता छोड़नी पड़ी…सबसे पहला नाम है बिहार के सबसे लोकप्रिय नेता का

राजद सुप्रीमो ठहराए गए अयोग्य

इस कानून का सबसे बड़ा शिकार बने बिहार के सबसे लोकप्रिय नेता लालू यादव क्योंकि लालू यादव को चारा घोटाले में 2013 में सजा हुई और उसके बाद वे चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दे दिये गए…दरअसल राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष को सितंबर 2013 में चारा घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिया गया जिसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। उस समय वह बिहार के सारण से सांसद थे। इतना ही नहीं लालू यादव संसदीय राजनीति में चुनाव लड़ने के भी काबिल नहीं रहे। उन्हें सीधे घर बैठना पड़ा। हालांकि लालू यादव ने चुनाव प्रचार किया।

अनिल सहनी भी हुए अयोग्य

लालू यादव के अलावा इन्हीं की पार्टी के एक और विधायक अनिल सहनी के साथ भी यही हुआ…अनिल सहनी धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद अक्टूबर 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। बता दें कि कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी विधायक पर राज्यसभा सांसद रहने के दौरान एलटीसी घोटाले का आरोप लगा था और उसी मामले में इन्हें सजा हुई

अनंत सिंह की भी गई कुर्सी

इस लिस्ट में तीसरा नाम भी आरजेडी से ही है…इसी पार्टी के एक और विधायक अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता जुलाई 2022 में चली गयी थी और उन्हें उनके आवास से हथियार और गोला-बारूद जब्त होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था।अनंत सिंह पटना जिले की मोकामा सीट से विधायक थे।

जेडीयू विधायक की कुर्सी गई

अब इस लिस्ट में चौथा नाम है जेडीयू का जिसमें बिहार के जहानाबाद सीट से जदयू के लोकसभा सांसद जगदीश शर्मा को चारा घोटाला मामले में सितंबर 2013 में चार साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य करार दे दिया गया…तो ये थे बिहार के चार बड़े नेता जिन्हें सजा मिलने के बाद अयोग्य ठहराया गया था…और अब राहुल गांधी की सदस्यता गई है जिसको लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है…आपको हमारी ये खबर कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएँ साथ ही राजनीति से जुड़ी हर खबर के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लें…शुक्रिया