कानपुर हिंसा में गिरफ्तार मुख्य आरोपित हयात व उसके तीन साथियों ने फंडिंग से जुड़े कई राज उगले हैं। फंडिंग के नेटवर्क से जुड़े कई बिल्डर, कारोबारी व नेताओं के नाम लिए हैं। अपने बचाव में हयात लगातार यह साबित करने में लगा रहा कि वह क्राउड फंडिंग करता था। यह बात भी स्वीकार की है कि उसे बड़ी-बड़ी रकम मिलती थी। हालांकि, उपद्रव कराने से जुड़े कई सवालों पर उसने चुप्पी साधे रखी। उसने कई बार सफाई की कि उसने कॉल वापस ले ली थी। हयात के साथ पकड़े गए अन्य आरोपितों ने उपद्रव में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
रिमांड के दूसरे दिन रविवार को एसटीए, एसआईटी,आईबी व पुलिस के अफसरों ने हयात व उनके साथियों से कई चक्रों में पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक हयात लगातार क्राउड फंडिंग की बात कहकर अपना बचाव करता रहा। अधिकारियों ने प्रकाश में आए कई बिल्डरों, कारोबारियों व नेताओं के नाम लिए तो उसने चुप्पी साध ली। कई के नाम पर बोला, सामाजिक काम करने की वजह से मुलाकात होती है। हयात ने यह भी सफाई दी कि लोग उसे एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के लिए चंदा देते थे। यह बात उसने जरूर स्वीकार की उसके संगठन से प्रदेश के कई जिलों के लोग जुड़े हैं। लोग छोटी से बड़ी रकम देते हैं। इनमें शहर के कई नेता, बिल्डर और कारोबारी शामिल हैं। उसने यह भी तर्क दिया कि प्रदेश भर में एमएम जौहर फैंस एसोसिएशन काम करती है। इससे अलग-अलग शहरों से भी फंडिंग होती है।
सवालों के जाल में उलझे आरोपित
अधिकारियों ने हयात के साथ गिरफ्तार जावेद व अन्य साथियों से मिली जानकारी को पुख्ता करने के लिए अलग-अलग पूछताछ भी की। नई सड़क पर शुरू हुए पथराव, जुटाए गए पत्थर व हिंसा के पीछे के साजिशकर्ताओं की भूमिका पर भी अफसरों ने कई सवाल किए। सवालों के जाल में उलझ कर आरोपितों से कई जानकारियां पुलिस को मिलीं। अब उनसे जुड़े सबूत जुटाने में पुलिस जुट गई है। पुलिस ने हयात व अन्य आरोपितों को शनिवार को तीन दिन की रिमांड पर लिया था। शनिवार की रात को भी काफी देर तक तीनों से पूछताछ की गई।